ये लो हमने साइकिल भी चलाना शुरू कर दिया। वैसे ये वाली साइकिल हमारी नहीं है, ये तो हमारी जीजी की साइकिल है।
जब जीजी साइकिल चलाती है तो इसमें हमें भी बिठा लेती है। अभी हम दोनों ही छोटे-छोटे से हैं तो आसानी से इसमें बन जाते हैं।
आज जीजी सो रही थी तो हमने साइकिल चलाने की कोशिश की पर ये क्या, हमारे तो पैर ही नहीं पहुँच रहे थे पूरी तरह से।
चलो कोई बात नहीं पैर भले ही न पहुँचे हों पर हमने साइकिल अकेले तो चला ही ली।
जब जीजी साइकिल चलाती है तो इसमें हमें भी बिठा लेती है। अभी हम दोनों ही छोटे-छोटे से हैं तो आसानी से इसमें बन जाते हैं।
आज जीजी सो रही थी तो हमने साइकिल चलाने की कोशिश की पर ये क्या, हमारे तो पैर ही नहीं पहुँच रहे थे पूरी तरह से।
चलो कोई बात नहीं पैर भले ही न पहुँचे हों पर हमने साइकिल अकेले तो चला ही ली।
वाह दिव्याँशी अवसर का लाभ उठाना सीख लिया? आशीर्वाद।
ReplyDeleteअरे! बहुत सुन्दर लग रही हो साईकिल चलाते हुए|
ReplyDeleteबसंत पंचमी की हार्दिक सुभकामनाएँ|