Saturday, January 15, 2011

जीजी सो रही तो हमारा साईकिल चलाना शुरू

ये लो हमने साइकिल भी चलाना शुरू कर दिया। वैसे ये वाली साइकिल हमारी नहीं है, ये तो हमारी जीजी की साइकिल है।






जब जीजी साइकिल चलाती है तो इसमें हमें भी बिठा लेती है। अभी हम दोनों ही छोटे-छोटे से हैं तो आसानी से इसमें बन जाते हैं।

आज जीजी सो रही थी तो हमने साइकिल चलाने की कोशिश की पर ये क्या, हमारे तो पैर ही नहीं पहुँच रहे थे पूरी तरह से।



चलो कोई बात नहीं पैर भले ही न पहुँचे हों पर हमने साइकिल अकेले तो चला ही ली।

Saturday, January 1, 2011

आज पहली तारीख से हम भी ब्लॉग-जगत में आ गए






नमस्ते,
आप लोग हमसे सीधे तौर पर भले ही परिचित न हों पर आप हमें जानते अवश्य ही हैं। हमारा नाम दिव्यांशी है और घर में हमें सभी लोग पलक कहते हैं।

ये हैं हम

आप लोग अभी भी शायद हमें पहचान न पाये हों, नहीं पहचाना न! दरअसल हमारी दीदीअक्षयांशी पिछले एक वर्ष से अधिक समय से ब्लॉग लेखन में लगीं हैं। वे ही हमारी चर्चा करती रहती हैं। अब पहचाने होंगे हमें।

ये बायीं तरफ हमारी दीदी हैं

हम भी अब आज नये वर्ष से आप सभी के बीच आये हैं। हमारा जन्म जुलाई 2009 को हुआ था और इस हिसाब से अभी हम मात्र डेढ साल के हो सके हैं। इस दृष्टि से आप भी अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि अभी हम कम्प्यूटर पर कुछ लिख-पढ़ नहीं सकते हैं। इसलिए हमारे बारे में हमारे ताउ जी या फिर हमारे पापा ही लिखेंगे।

ये भी हम ही हैं

आपको बता दें कि हमने कई बार ताउ जी के साथ या फिर पापा के साथ बैठकर कम्प्यूटर पर अपनी और दीदी की फोटो देखीं हैं। हमें अपनी फोटो देखकर अच्छा लगता है। इसी कारण से हमारा भी ब्लॉग बना दिया गया है। अभी तो हमारे बड़े लोग आपको हमारे बारे में बतायेंगे, बाद में हम स्वयं ही आपको अपने बारे में बतायेंगे।

नववर्ष
की शुभकामनाओं के साथ आज बस इतनी ही बात। कल से मुलाकात होती रहेगी।